घर से निकलो तो पता जेब में रखकर निकलो,
हादसे इन्सान की पहचान तक मिटा देते है ।
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RISHTA
कैसा अनोखा रिश्ता है..
दिल धोके में है और धोकेबाज़ दिल में!!
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IBADAT
मुझे तो उन की इबादत पे रहम आता है,
जबीं के साथ जो सज्दे में दिल झुका न सके!
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QABAR
कब्र की मिट्टी हाथ में लिए सोच रहा हूं,
लोग मरते हैं तो गुरूर कहाँ जाता है?!